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कियां सहेजां सपना बां री / मंगत बादल
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12:34, 30 अप्रैल 2016
म्हांरो डांव आवै कोनी पण,
डांई देता थकग्या
बंा
बां
रो निसानो चूकै कोनी,
खेलै मार-दड़ी ।
Neeraj Daiya
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