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Kavita Kosh से
हाथी-गीदड़-भैंसा-चीता-केला-खरबुज-भुट्टा
भैंस कहीं तेॅ छोड़ै मामा, लै आनै छै खुट्टा
अड़गड़ मारै, बड़गड़ मारै, मारै कुत्ता.-बकरी
खाय सें पहिलें यहेॅ हुवै छै मामा जाय छै ढकरी
आलू-बालू-छर्री-लोहोॅ, नानी-नाना, दादा