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Kavita Kosh से
|रचनाकार=अज्ञात
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ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँ
ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ म्हाने राठोडा रे घर भल दीजो ऐ माँ
ओ म्हाने राठोडा री बोली प्यारी लागे ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां