दुखों को रौंदते घुंघरुओं की थिरकन
चाँदनी चांदनी बिखेरती
सदियों पुरानी रागिनियों का रसपान करती
बसती हुई दुनिया को
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* डॉ. बल्देव हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी के वरिष्ठ समीक्षक एवं कवि हैं जिन्होंने छायावाद के संस्थापक कवि श्री मुकुटधर पांडेय की प्रतिष्ठा के लिए लगातार कार्य किया है ।