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ख़ुश्बू भरे वो बाग़ गुलाबों के खो गए.. / श्रद्धा जैन
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15:28, 29 जुलाई 2016
मिलते नहीं निशान नवाबों के, खो गए
उलझन
किस फ़िक्र
में
घिर गया है, हर इक शख़्स
हैं
शहर
का
के सब ख़ुशमिज़ाज लोग
अब सिलसिले भी शोख़ जवाबों के खो गए
Shrddha
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