भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
शुक्ल जी की तर्ज़ पर
सोच रहा हूँ अव ग्लोवल ग्लोबल समय में
पोएट्री क्या है
या फिर मिस मैनेजमेंट
तभी पास हो गया जी एस टी जी० एस० टी० कल देर रात मेंखूब ख़ूब छपी खबर अखबार ख़बर अख़बार में
कि यह ऐतिहासिक है
कहा टी० वी० के सामने मंत्री ने
यह तो बिलकुल क्लासिक है
इसी मंत्री ने सेवेंथ सेवेन्थ पे कमीशन को भी हिस्टोरिक बताया था
अपनी सरकार को करगिल वार में हेरोइक बताया था
कि दौरा पड़ गया मुझको रास्ते में
करने लगा अजीबो ग़रीब अजीबोग़रीब हरकतेंलिखने लगा नीद में प्रेमिकाओं को खतेंख़तें
लेकिन एक क्रिटिक ने मुझे आलोचक बता दिया
पोएट्री क्या है
मैनेजमेण्ट या मिस मैनेजमेण्य़मैनेजमेण्ट
कि कुछ भी लिख दूँ
और हो जाऊँ फेमस
दोष राइटर का नहीं
महिला फाइटर फ़ाइटर का नहीं
जूरी का है
यानी हिन्दी कहानी के शेरशाह सूरी का है
मैं सोच ही रहा था
कि चैनल पर शुरू हो गया था मुकाबलामुक़ाबला
सतीश उपाध्याय आ ही गए थे
हमेशा की तरह विराजमान थे राकेश जी
इस बीच इन्फ्लेशन इन्फ़लेशन और बढ़ गया थारूपया रुपया डॉलर के मुक़ाबले और कमज़ोर हो गया था
नीति आयोग की कोई नीति नहीं थी
रचना को देखने की उनकी दृष्टि में कोई स्फीति नहीं थी
अब उसका हाइप था
कवि भी झोला छाप नहीं था
बाकायदा आई० आई० एम० का एम० बी० ऐ० ए० था
पोएर्टी क्या है
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits