{{KKCatKavita}}
<Poem>
'''प्योली* <ref>एक जंगली पीला फूल। कुमाऊँ में जिसके साथ स्त्री के पुनर्जन्म की कथा का मिथक जुड़ा है</ref> व चिड़िया '''
वह खिली
बसंत बसन्त के पहले दिन
किसी पथरीली ज़मीन पर
इसी तरह होता है पुनर्जन्म
स्त्री का।
मेरी इजा1 इजा<ref>माँ</ref> का तो यहाँ तक
विश्वास है कि
स्त्री मरने के बाद चिड़िया बनती है
वह बदला नहीं लेती
फूल बनना ही होता है एक दिन
उठी बंदूक बन्दूक का मकसद भी या कि घर की चैहद्दियों चौहद्दियों से पार जाते कदमों क़दमों का मकसद
चिड़िया बनना ही होता है
तब पथरीली ज़मीनों पर प्रेमिका बनी स्त्री
सबसे पहले बसंत का परचम लहराती है
गाती है कहीं किसी डाने2 डाने<ref>.पहाड़</ref> में साल3 साल<ref>एक वृक्ष</ref>के पेड़ पर बैठकर चिड़िया
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*एक जंगली पीला फूल। कुमाऊँ में जिसके साथ स्त्री के पुनर्जन्म की कथा का मिथक जुड़ा है 1.माँ 2.पहाड़ 3.एक वृक्ष
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