भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
<poem>
अष्ठम सर्ग: सगगणपति
गणपति के पावन पांव पाँव पूज¸
वाणी–पद को कर नमस्कार।
उस चण्डी को¸ उस दुर्गा को¸