गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
समर्पण / रमेश क्षितिज
1 byte added
,
14:57, 23 सितम्बर 2016
सबले मलाई छोडी हिँड्दा साथ दिने तिमी हुनु
दोबाटोमा लडेँ भने हात दिने तिमी हुनु !
<
/
poem>
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
21,881
edits