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बाबू महेश नारायण

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|उपनाम=
|जन्म=1858
|जन्मस्थान=पटना, बिहार, भारत|मृत्यु=1 01 अगस्त 1907
|कृतियाँ=स्वप्न (लम्बी कविता)
|विविध='स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
|अंग्रेज़ीनाम=Babu Mahesh NarainNarayan
|जीवनी=[[बाबू महेश नारायण / परिचय]]
|shorturl=
}}
{{KKCatBihar}}'''====स्वप्न''' (लम्बी कविता)====
* [[थी अन्धेरी रात, और सुनसान था / बाबू महेश नारायण]]
* [[पहाड़ी ऊँची एक दक्षिण दिशा में / बाबू महेश नारायण]]