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चींटी / मोहन राणा

395 bytes removed, 16:41, 10 मई 2008
और मैं तो बस एक चींटी हूँ<br>ले जाता अपने वजन वज़न से कई गुना झूठ<br>
यहाँ से वहाँ<br>
उसे सच समझ कर<br><br>
 
मुझे करना है<br>
मुझे कुछ जानना है<br>
बनानी है पहचान आइने में<br>
सोच सोच<br>
अपने को उपयोगी रखता रहा<br>
ताकि वे मुझे भूलें ना<br>
मैं बुरा बनता गया<br><br>
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