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/* पाँचवाँ भाग */
* [[भक्त बनता हूँ मगर अधमों का सिरताज भी / बिन्दु जी]]
* [[सच पूछो तो मुझको नहीं है ज्ञान तुम्हारा / बिन्दु जी]]
* [[बैठे कहाँ रूठ के ब्रजधाम बसैया / बिन्दु जी]]
* [[कोशिश हजार कर के भी ढूंढें जो उम्र भर / बिन्दु जी]]
* [[अड़ा हूँ आज इस दिल पै कि कुछ पा के हटूँ / बिन्दु जी]]