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/* ग़ज़लें */
* [[फेंका था जिस दरख़्त को कल हमने काट के / राजेंद्र नाथ 'रहबर']]
* [[फर्क है तुझमें, मुझमें बस इतना / राजेंद्र नाथ 'रहबर']]
* [[जिस्मो-जां घायल, परे-परवाज़ हैं टूटे हुए / राजेंद्र नाथ 'रहबर']]