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राजेंद्र नाथ 'रहबर'

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/* ग़ज़लें */
* [[ तुम्हारा हुस्न महकते गुलाब जैसा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर']]
* [[ दिल जिस को ढूंडता है कहीं वो सनम मिले / राजेंद्र नाथ 'रहबर']]
* [[
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