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बदनाम रहे बटमार मगर,घर तो रखवालों ने लूटामेरी दुल्‍हन सी रातों को,नौलाख सितारों ने लूटादो दिन के रैन-बसेरे में,हर चीज़ चुराई जाती हैदीपक तो जलता रहता है,पर रात पराई होती हैगलियों से नैन चुरा लाई,तस्‍वीर किसी के मुखड़े कीरह गये खुले भर रात नयन,दिल तो दिलदारों ने लूटा
जुगनू से तारे बड़े लगे,तारों से सुंदर चाँद लगाधरती पर जो देखा प्‍यारेचल रहे चाँद हर नज़र बचाउड़ रही हवा दो दिन के साथ नज़र,दररैन-से-दरबसेरे में, खिड़की से खिड़कीप्‍यारे मन को रंग बदल-बदल,रंगीन इशारों ने लूटाहर शाम गगन में चिपका दी,तारों के अधरों की पातीकिसने लिख दी, किसको लिख दी,देखी तो, कही नहीं चीज़ चुराई जातीहैकहते दीपक तो हैं ये किस्‍मत जलता रहता है,पर रात पराई होती हैधरती पर रहने वालों गलियों से नैन चुरा लाई, तस्‍वीर किसी के मुखड़े कीपर मेरी किस्‍मत को रह गये खुले भर रात नयन, दिल तोइन ठंडे अंगारों दिलदारों ने लूटा
जग में दो ही जने मिलेजुगनू से तारे बड़े लगे,तारों से सुंदर चाँद लगाइनमें रूपयों का नाता हैजाती है किस्‍मत बैठ जहाँखोटा सिक्‍का धरती पर जो देखा प्‍यारे, चल जाता हैरहे चाँद हर नज़र बचासंगीत छिड़ा है सिक्‍कों काउड़ रही हवा के साथ नज़र,दर-से-दर, खिड़की से खिड़कीफिर मीठी नींद नसीब कहाँनींदें तो लूटीं रूपयों नेप्‍यारे मन को रंग बदल-बदल,सपना झंकारों रंगीन इशारों ने लूटा
हर शाम गगन में चिपका दी, तारों के अधरों की पातीकिसने लिख दी, किसको लिख दी, देखी तो, कही नहीं जातीकहते तो हैं ये किस्‍मत है, धरती पर रहने वालों कीपर मेरी किस्‍मत को तो, इन ठंडे अंगारों ने लूटा जग में दो ही जने मिले, इनमें रूपयों का नाता हैजाती है किस्‍मत बैठ जहाँ, खोटा सिक्‍का चल जाता हैसंगीत छिड़ा है सिक्‍कों का, फिर मीठी नींद नसीब कहाँनींदें तो लूटीं रूपयों ने, सपना झंकारों ने लूटा वन में रोने वाला पक्षी, घर लौट शाम को आता हैजग से जानेवाला पक्षी, घर लौट नहीं पर पाता हैससुराल चली जब डोली तो, बारात दुआरे तक आईनैहर को लौटी डोली तो,बेदर्द कहारों ने लूटा
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