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/* प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[जुदा वो होते तो हम उन की जुस्तुजू करते / रतन पंडोरवी]]
* [[पहुँचे न जो मुराद को वो मुद्दआ हूँ मैं / रतन पंडोरवी]]
* [[मौजों ने हाथ दे के उभारा कभी कभी / रतन पंडोरवी]]
* [[लुत्फ़ ख़ुदी यही है कि शान-ए-बक़ा रहूँ / रतन पंडोरवी]]