भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'''ॐ श्री परमात्मने नमः''' <br><br>
'''शान्ति शांति पाठ '''<br><span class="upnishad_mantra">ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः<br>श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि।<br>सर्वं ब्रह्मौपनिषदं माऽहं ब्रह्म निराकुर्यां मा<br>मा ब्रह्म निराकारोदनिराकरणमस्त्वनिराकरणं मेऽस्तु।<br>तदात्मनि निरते य उपनिषत्सु धर्मास्ते मयि सन्तु ते मयि सन्तु ॥<br><br></span> 
<span class="mantra_translation">
हे ईश ! मेरे अंग सब परिपूर्ण और बलवान हों,<br>