गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
यूं तो / कुमार मुकुल
341 bytes added
,
09:10, 21 फ़रवरी 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार मुकुल |अनुवादक= |संग्रह=एक उ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार मुकुल
|अनुवादक=
|संग्रह=एक उर्सुला होती है
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
यूं तो
चाँद है
सितारे हैं
पर
यादों से
सब
हारे हैं ।
</poem>
Kumar mukul
765
edits