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तिनसुकिया / उदय प्रकाश

24 bytes added, 19:10, 10 नवम्बर 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=उदय प्रकाश
|संग्रह= रात में हारमोनियम हारमोनिययम / उदय प्रकाश
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
अपन तिनसुकिया में बैठकर
 
चले जाएंगे...
 
यहाँ तो क्या रहना
 
बहुत दूर जाती है तिनसुकिया
 
तिनसुकिया हारे हुए मुसाफ़िरों के उम्मीद में डूबे
 
दिलों की तरह धड़कती है...
 
चलो, तिनसुकिया में चलो...
 
लाईन हरी है
 
तिनसुकिया अब छूटने वाली है ।
</poem>
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