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युक्ति के सारे नियंत्रण तोड़ डाले,<br>मुक्ति के कारण नियम सब छोड़ डाले,<br>अब तुम्हारे बंधनों की कामना है |<br><br>विरह यामिनी मी न पल भर नींद आयी,<br>क्यों मिलन के पात वह नैनों समायी,<br>एक क्षण में ही तो मिलन मी जागना है | <br><br>यह अभागा प्यार ही यदि है भुलाना,<br>तो विरह के वे कठिन क्षण भूल जाना,<br>हाय जिनका भूलना मुझको मना है |<br><br>मुक्त हो उच्छ्वास अंबर मापता है ,<br>तारकों के पास जा कुछ कांपता है,<br>श्वास के हर कम्प मी कुछ याचना है |<br>
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