कदम मिलाकर चलना होगा।<br><br>
उिजयारे उजियारे में, अंधकार में,<br>
कल कहार में, बीच धार में,<br>
घोर घृणा में, पूत प्यार में,<br>
क्षणिक जीत में, दीघर् दीघर हार में,<br>
जीवन के शत-शत आकषर्क,<br>
अरमानों को दलना ढलना होगा।<br>
कदम मिलाकर चलना होगा।<br><br>
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,<br>
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब,<br>
सुस्िमत हिषर्त सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,<br>
असफल, सफल समान मनोरथ,<br>
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,<br>