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पन्द्रह अगस्त का दिन कहता -- <br>
आजादी अभी अधूरी है।<br>
सपने सच होने बाकी हैहैं, <br>
रावी की शपथ न पूरी है।।<br><br>
नारे लगवाए जाते हैं।।<br>
लाहौर, कराचीकरांची, ढाका पर<br>
मातम की है काली छाया।<br>
पख्तूनों पर, गिलगित पर है <br>
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