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|रचनाकार=आनंद कुमार द्विवेदी
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|संग्रह=जरिबो पावक मांहि / आनंद कुमार द्विवेदी
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<poem>
अच्छे लोग
अच्छे से करते हैं
बुरा भी

और रहते हैं हमेशा अच्छे,
अच्छे लोग
हमेशा जागरूक रहते हैं ,

बुरे लोग
कर नहीं सकते
अच्छा,
समझ नहीं सकते
अच्छा-बुरा !

मिल जाते है
अच्छे लोगों को
अक्सर
दुःख स्वप्न की तरह

अच्छे लोग
चाहते हैं
बुरे लोग और बुराई से मुक्त दुनिया ,

और बुरे लोग...
वे चाहते हैं
अच्छे लोगों जैसा बनना !


</poem>
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