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आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार
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13:36, 27 जून 2017
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<poem>
आदतन तुम ने कर दिये वादे
<br>
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
<br>
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
<br>
ये गुनाह हम ने एक बार किया
</poem>
Sharda suman
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