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मुझको ही डाँटा / दिनेश चमोला ‘शैलेश’
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14:30, 15 जुलाई 2017
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<poem>दीदी भूली सैर-सपाटा
सबुह-सुबह ही
दही-परांठा,
Neeraj Daiya
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