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अस्वीकरण
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भूल सुधार / कुमार सौरभ
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15:58, 15 अगस्त 2017
जो भाव मिलेगा
बिना मोल भाव स्वीकार लूँगा
डूब चुकी लागत का
जो कुछ लौट आए
वही श्रेयस्कर !
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Kumar saurabh
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