Changes

भूल सुधार / कुमार सौरभ

1 byte added, 15:58, 15 अगस्त 2017
जो भाव मिलेगा
बिना मोल भाव स्वीकार लूँगा
 
डूब चुकी लागत का
जो कुछ लौट आए
वही श्रेयस्कर !
</poem>
92
edits