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रिहाई / पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'

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हम फूलों से कहेंगे 'मुस्कुराना'
हम बच्चों से कहेंगे 'मुस्कुराना'
हम खुद से भी कहेंगे 'मुस्कुराना'

कितनी बड़ी रिहाई चाहते हैं हम !
</poem>
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