Changes

याद जब डबाडब हो / एमिली डिकिंसन

459 bytes added, 04:42, 21 अक्टूबर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एमिली डिकिंसन |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=एमिली डिकिंसन
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
याद जब डबाडब हो
ठीक से लगा दो ढक्कन उस पर--
आज सुबह का सबसे खूबसूरत लफ़्ज
कहा गुस्ताख़ शाम ने--

'''अनुवाद : मनोज पटेल'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits