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कि जितना बेवफ़ा समझा था
तुम उससे अधिक निकले।
 
तुम्हारी झील - सी गहरी
इन आँखों की इनायत है।
तुम्हारी ही गली के मोड़ पर
मेरे कदम फिसले।
 
ये मेरी भूल थी जो
मैंने तुमको बेवफ़ा समझा
मगर तुम बेवफ़ाओं
से भी आगे दो कदम निकलेनिकले। तुम्हारे प्यार कीतासीर में
बेचैन मेरा दिल
यही ख्वाहिश।
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