भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
<poem>
वेद पुराण गुरु छवूँ शास्त्र, राम रामायण सत्य है नाता ।
गीता का ज्ञान व ज्ञान गुरु , श्रुति न्याय व सूत्र गुरु समझाता ।
पृथ्वी जल और आकाश गुरु, चहूँ और गुरु ही गुरु दरसाता ।
शिवदीन निरंतर ध्यान लगा, गुरु गोविन्द के सम कौन है दाता ।