506 bytes added,
10:17, 28 नवम्बर 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=महाप्रकाश
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
यह कौन है बुढिया
नीले बिछावन पर सोई
चतुर्दिक पसारे अपनी केशराशि
अतीत की निद्रा में डूबी
अस्फुट शब्दों में कह रही
कौन सी कथा
बार-बार।
</poem>