भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यनारायण पांडेय |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यनारायण पांडेय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatSanskritRachna}}
<poem>
नारीनिन्दा न करनीया
नारी एव नरानां जननी
कथितमपि "यत्रनार्यस्तु पुज्यन्ते-
रमन्ते तत्र दवता"
रमन्ते
तत्र देवता!

नार्यः एव भवन्ति माता, भगिनि, श्वसा।

नारी एव जगज्जननी
सर्वेषां सर्वदुखः हारिणि
सर्व सुख कारिणि

नारी तु नारायणी!
नारी तु नारायणी।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits