भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=
<poem>
 
1
डरी–डरी आँखों में
पाना-खोना,यही है जीवन
आँसू से होता है तर्पण ।
 
</poem>