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क्यों न बोलें ये व्यथाएँ / राहुल शिवाय
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14:40, 23 फ़रवरी 2018
सिया की अग्निपरीक्षा
कब तक लोगे
नारी का सम्मान यही है
देह है नारी
तो भाग्य भाल पर
क्या लिक्खोगे
देख न पाए करती रही जो
हृदय-समर्पण
झांक स्वयं से पूछो
तब समझोगे
बहुत सरल है दुनिया में
संबंध बनाना
Rahul Shivay
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