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ओळावौ / मीठेश निर्मोही

307 bytes added, 07:31, 1 अप्रैल 2018
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<poem>
थनै अंगेजण
छौळां छौळ
उफणूं,
म्हैं।
आपौ बिसराय
म्हारै खार
रळ-मिळ जावै
थूं !
 
इण अमर आस रै
ओळावै
के निपजैला
मूंघा मोती।
</poem>
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