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12:33, 8 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मोनिका गौड़]]
|अनुवादक=
|संग्रह=अंधारै री उधारी अर रीसाणो चांद / मोनिका गौड़
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
त्यार करो
बल्लम
हथौड़ा, गुपत्यां
खंजर,
तलवार अर तमंचा
अंवेर’र राखो
ठिकाणैसर
धरम खतरै में है
काम आसी
बगत पड़्यां
रक्षा सारू,
सुरक्षा सारू,
काल नै आपणै धरम री ‘कीड़ी’
जे कोई मार देवै
तो बदळो लेवण सारू
काम आसी...
त्यार करो तलवार अर तमंचा
धरम खतरै में है।
</poem>