भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शरीर / ऋतुराज

3 bytes removed, 18:31, 3 सितम्बर 2008
पृथ्वी से आदिजीव विभु जैसा प्यार<br>
कैसे भुला दोगे अनवरत् सुंदरता की<br>
स्तुति का स्‍वभाव स्वभाव कैसे भुला दोगे<br><br>
अभी तो इतने वर्ष रूष्ट रहे इसका<br>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits