भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
तो अपनी बद-दुआएँ वापिस लेता हूँ।
अगर मैंने कभी अपनी बूढ़ी माँ को कोसा हो और चाह हो कि वह नरक में जाए तो मैं उस दुर्भावना के लिए शर्मिन्दा हूँ और अब उसका भला चाहता हूँ।
मेरा बूढ़ा बाप एक आलीशान महल में मरा
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,382
edits