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काव्य विविधा & (अनुक्रमांक-1 )
'''समरूं तनै हमेश मैं, करिये बेड़ा पार भवानी री,
आज मनाई, दुर्गे माई री ।। टेक ।।
'''
पार्वती बणकै तनै, शिवजी का निभाया साथ,
सागर मै तै प्रकट होई, नाम पड़या लक्ष्मी मात,