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विषवृक्ष / विलियम ब्लेक

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'''इस कविता पर बड़ी बहस हुई है। ऊपर से नर्सरी राइम जैसी दिखने वाली इस कविता का अंत इतना अप्रत्याशित और भयावह है कि मैं इसे भुतही कविता कहता हूँ। आप अपनी व्याख्या करें। मैं तो ब्लेक के समकालीन रॉबर्ट सदी से सहमत हूँ कि ससुरा खिसका हुआ था। -- अनुवादक'''
मुझे दोस्त पर गुस्सा आया,
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