भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन
|संग्रह= निशा निमन्त्रण निमंत्रण / हरिवंशराय बच्चन
}}
स्वप्न भी छल, जागरण भी!<br><br>