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[[Category:चोका]]
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प्रथम ग्रासमेरे उस प्रिय कोजो सदा पासउसकी भूख में हैमेरी भी भूखउसकी प्यास में हैमेरी भी प्यास।उसका एक कौरमुझे जो मिलायुगों- युगों की क्षुधाहो गई शान्तनिहारूँ भरूँ नैनउसी का रूप।सहलाए मुझे ज्योंसर्दी की धूपकण्ठ में लरजतासिन्धु -सा प्यारदौड़ती लहर- सीछूते ही पोरआँखों से बरसतीवासन्ती भोरपलकों पे उतरें सौ सौ गुलालचूमूँ अनन्त तकमैं पोर -पोरकरे तुझमें मनसदा अवगाहन।-0-
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