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सतयुग-त्रेता द्वापर-कलयुग, काया मै आते हर बार,
14 मनु की एक चैकड़ीचौकड़ी, एक कल्प, युग भी चार,
कल्प के 48 लाख और वर्ष बताए 20 हजार,
एक कल्प, एक दिन ब्रहमा का, जिसनै दिया रचा संसार,