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11:16, 10 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=पंकज चौधरी
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|संग्रह=
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<poem>
शैतान होना सबसे अच्छा है
क्योंकि शैतान कम से कम
प्रभु होने का ढोंग तो नहीं करता
विधर्मी होना सबसे अच्छा है
क्योंकि विधर्मी कम से कम
धार्मिक होने की पताका तो नहीं फहराते पिफरता
झूठा होना सबसे अच्छा है
क्योंकि झूठा कम से कम
सत्यवादी होने का डंका तो नहीं पिटते पिफरता
चोर होना/व्यभिचारी होना सबसे अच्छा है
क्योंकि चोर/व्यभिचारी कम से कम
संत होने की माला तो नहीं फेरते घूमता
धोखेबाज होना सबसे अच्छा है
क्योंकि धोखेबाज कम से कम
वफादार होने का दम्भ तो नहीं भरे पिफरता
भ्रष्ट होना सबसे अच्छा है
क्योंकि भ्रष्टाचारी कम से कम
ईमानदार होने का सर्टिपिफकेट तो प्राप्त नहीं करते पिफरता
दुर्जन होना सबसे अच्छा है
क्योंकि दुर्जन कम से कम
सज्जनता की गठरी तो खोलकर बैठा नहीं रहता
अमित्र होना सबसे अच्छा है
क्योंकि अमित्र कम से कम
मित्र होने का स्वांग तो नहीं रचता
और राष्ट्रद्रोही होना तो सबसे अच्छा है
क्योंकि राष्ट्रद्रोही कम से कम
राष्ट्रवादी होने की मुनादी तो नहीं पिटवाते फिरता।
</poem>