Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पंकज चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पंकज चौधरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कैरेक्‍टर नहीं है जहां
वहीँ वेल्थ है
वहीँ हेल्थ है

वहीं सब कुछ है
वहीं सब कुछ है!

कैरेक्‍टर है जहां
वहां ना तो वेल्थ है
और ना ही हेल्थ है!

वहां कुछ नहीं है
वहां कुछ नहीं है!
57. इमोशनल अत्याचार

सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर भोजन किया”

विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर जल-पान किया”

एक और विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर खटिया पर रात बिताई”

इक्कीसवीं शताब्दी में भी
भारत के दलितों के साथ
इससे बड़ा इमोशनल अत्याचार
और क्या हो सकता है!
</poem>