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[[Category:चोका]]
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बाँस के वनबहुत ही सघन।खड़े हैं कैसेवो सीधे,ऊँचे तन।इनमें भराशिष्टाचार का रंग।बहुत बड़ेअनुशासित हैं वोपिए हों मानोंभाईचारे की भंग।आतुर हुएअब छूने गगनबरबस हीमोह लेते,ये भोलेहर मानव मन।
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