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[[Category:चोका]]
<poem>
 
माना हो गए
अंतर्देशीय गुम
लिफ़ाफ़े-चिठ्ठी,
हो गई हैं दफ़न
उन्हीं के साथ
दफ़न हो गई हैंया फिर भस्मीभूत,प्यारी कोमल
गुलाबी पंखुड़ियाँ,
महकी हुई
मुस्काते शब्द
अंत मे लिखा हुआ
‘'''सिर्फ ‘सिर्फ तुम्हारा!’'''
फैल जाया करती
उसकी आँखें
मुस्काती मौन रह
प्रेम की भाषा,
ही होगी दफ़नही,
न भस्मीभूत;
क्योंकि बदलती है
आँखें भेजतीं
पीड़ामिश्रित-आशा
मन के -उद्वेग
बन्द होते झरोखे
कभी खुलते