594 bytes added,
08:00, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
आभो तो बस
भरम है मन रो
धरती पूज
{{KKBR}}
माटी‘र बीज
जे दोनूं हुवै आछा
फसल आछी
{{KKBR}}
समै तो हुवै
पून रै लैर‘कै ज्यूं
उठ‘र झाल
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader