भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[नाला-ए-दिल रसा नहीं होता / मेला राम 'वफ़ा']]
* [[बात कुछ दिल की तो क्या बन पायेगी / मेला राम 'वफ़ा']]
* [[रवां नग़मों का इस से ख़ुद ब-ख़ुद सैलाब होता है / मेला राम 'वफ़ा']]
* [[माज़ूर हैं बकते चले जाते हैं अगर हम / मेला राम 'वफ़ा']]
* [[दिल न क्यों ले बलाएं तुम्हारी / मेला राम 'वफ़ा']]