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रसिया रस लूटो होली में / फाग

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मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में <br>
होरी के ई धूमि मची है, सिहरो भक्तन की टोली में <br>
 
 
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संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया
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